जनगणना के आंकड़े 2011 का माना जाए।
यदि किसी कारणवश 2024 की जनगणना ओबीसी का लिया जाता है तो आदिवासी समाज का भी जनगणना 2024 का होना चाहिए।
जब तक 2024 की आदिवाससियों का गणना नहीं कराया जाता तब तक त्रिस्तरीय पंचायत में
आरक्षण पूर्व की भांति रखा जाए। 4) पांचवी अनुसूची क्षेत्र में गैर संवैधानिक रुप से बनाए गए नगरी निकायों में भी पेसा की तमरह
( सभी अध्यक्ष पदों को आदिवासी के लिए आरक्षित रखें एवं वार्ड पार्षदों की संख्या नियमानुसार 50 प्रतिशत से ज्यादा होना चाहिए।
अतएव आदिवासियों के संवैधानिक रुप से प्रदत्त आरक्षण को ध्यान में रखते हुए उक्त बिन्दुओं पर गंभीरता पूर्वक कार्यवाही एवं आवश्यक निर्देश देने का कष्ट करेंगे